नेट पर सेट / कवयित्री - नीतू सुदीप्ति 'नित्या'
घर में पति और बच्चों का खाना पीना
भी देर से देती हूँ
अरे बहनों
मै नेट पर हमेशा सेट जो रहती हूँ.
नहीं करती हूँ दोस्तों रिश्तेदारों से दुआ- सलाम
मगर हाँ आभासी मित्रों को सुबह शाम
गुड मॉर्निंग और गुड नाइट का स्टिकर
एक से बढ़ कर एक भेजती हूँ
अरे मोबाइल कंपनी वालों
मैं नेट पर हमेशा सेट जो रहती हूँ
घर में किसी की तबीयत खराब हो जाए
कोई फर्क नहीं पड़ता
मगर फंतासी दुनिया के अनजाने चेहरों
की तबीयत खराब जान
धड़ाधड़ दुआओं की पोटली
उसके पहलू में उड़ेल देती हूँ
अरे भाइयों,
मैं नेट पर हमेशा सेट जो रहती हूँ
पड़ोसी या रिश्तेदारों की कभी आर्थिक मदद
नहीं करती हूँ
लेकिन आभासी मित्र-मित्राणी झूठे प्रपंच रचते हैं
और मैं दानवीर बन जाती हूँ
बाद में 'ब्लॉक' होने की खबर से
ठगे जाने का शोक मनाती हूँ
अरे दुनिया वालों
मैं नेट पर हमेशा सेट जो रहती हूँ
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कवयित्री - नीतू सुदीप्ति 'नित्या'ईमेल- n.sudipti@gmail.com
मोबाइल- 7256885441
पता- बिहिया (आरा)
आप अपनी प्रतिक्रिया इस ईमेल पर भी भेज सअकते हैं- editorbiharidhamaka@yahoo.com
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कवयित्री का परिचय:
कवयित्री ने अपने आत्मकथ्य में लिखा है कि उनके दिल में जन्म से ही छेद है. फिर भी ये बिना किसी परवाह के रचनाकर्म किये जा रहीं हैं.
जन्म- 20.11.1980
शिक्षा- मैट्रिक
प्रकाशन- हमसफर, छँटते हुए चावल (कथा संग्रह), विजय पर्व( भोजपुरी उपन्यास) प्रेस में है. प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी तथा भोजपुरी में 150 रचनाएँ प्रकाशित
सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन
उद्देश- सामाजिक कार्य करना
संकल्प - नेत्रदान करना
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