तमाम तरह के प्रदूषणों में सांस्कृतिक प्रदूषण सबसे खतरनाक - नीतू नवगीत
लिच्छवी
फाउंडेशन द्वारा 23.12.2018 को मुजफ्फरपुर आयोजित दो दिवसीय रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम-सह-मेला
के दूसरे दिन बिहार की लोकगायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने पारंपरिक
लोक गीतों के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों की खिलाफत करने वाले गीतों की
प्रस्तुति करके उपस्थित श्रोता समूह का मन मोहा । अपनी प्रस्तुति के दौरान दौरान नीतू कुमारी नवगीत
ने कहा कि सामाजिक जड़ता और कुरीतियों के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी
जानी है । इस लड़ाई में संस्कृतिकर्मियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है ।
सांस्कृतिक लड़ाई किसी भौगोलिक खंड को जीतने के लिए नहीं है बल्कि मन को
जीतने के लिए है । भ्रूण हत्या, कम उम्र में लड़कियों का विवाह और दहेज
प्रथा जैसी समस्याएं लोगों के दिमाग में है । इन समस्याओं को लोगों के दिमाग
से ही निकालना होगा ।
कार्यक्रम में डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने कहा कि
उन्होंने बिटिया है अनमोल रतन एल्बम के माध्यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के
संदेश को आगे बढ़ाते हुए बाल विवाह, दहेज प्रथा भ्रूण हत्या और महिलाओं पर
अत्याचार की समाप्ति के लिए आवाज उठाया है । इन गीतों से सामाजिक बुराइयों के प्रति प्रतिरोध का स्वर मजबूत होता
है । तमाम तरह के प्रदूषणों में सांस्कृतिक प्रदूषण सबसे खतरनाक होता है।
इस अवसर पर बिहार सरकार में मंत्री सुरेश शर्मा द्वारा नीतू नवगीत को लिच्छवी कला सम्मान भी प्रदान किया गया ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोकगायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने मगही, मैथिली
और भोजपुरी लोकगीतों के माध्यम से बिहार की परंपरागत संस्कृति के विभिन्न
रंगों को भी प्रस्तुत किया ।
महिला
सशक्तिकरण पर बल देते हुए उन्होंने स्वरचित गीत खेले- कूदे के दिन में न
शादी, बिटिया के भैया पढ़ा बलल जाई हो। उन्होंने देश भर में स्वच्छता की आदत को बढ़ानेवाले स्वरचित गीत भी गाये। इस
अवसर पर संगीत के प्रशंसक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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आलेख -बेजोड़ इंडिया ब्यूरो
छायाचित्र - आयोजक दल द्वारा प्राप्त
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com
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