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Tuesday, 12 June 2018

राष्ट्रीय कवि संगम का कवि सम्मलेन 11.6.2018 को रसूलपुर जिलानी, मुजफ्फरपुर में संपन्न

...तभी तो सच को सच कहने से मुकर गया



'राष्ट्रीय कवि संगम'के बैनर तले दिनांक 11 जून 2018 को रसूलपुर ज़िलानी (मुजफ्फरपुर) स्थित गुरूवर संगीत महाविद्यालय में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें कई नये कवियों ने अपनी रचनायें प्रस्तुत की। इसकी अध्यक्षता करते हुए डॉ कुमार विरल ने कहा कि कविता को नये कवियों से जोड़ना होगा। हमारे देश में नवोदित कवियों की आवश्यकता है।
 उन्होंने हिंदी व भोजपुरी में कई कवितायें प्रस्तुत की-
तोहरो हमार चर्चा सब के जुबान पर
सांचों ई जिंदगी एगो अखबार हो गइल.

इसके बाद पटना से आये युवा कवि कन्हैया परमहंस ने अपनी रचना सुनाई -
खुद से खुद को नाज करने दो
एक दो अपने भी नाज रहने दो

इसके उपरांत  युवा शायर हुसैन सलीम ने अपनी ग़ज़ल पेश की जो कुछ यूं थी- 
लगता है वह भी उस ज़ालिम से डर गया
तभी तो सच को सच कहने से मुकर गया

युवा कवि सुमन वृक्ष ने अपनी कविता का पाठ किया जिसकी पंक्तियाँ थीं -
हमें जिंदगी भी मौत से प्यारी है
क्योंकि एक दिन मौत सबको आनी है

मंच संचालन 'अमीर हमज़ा' ने किया। इन्होंने बीच बीच मे हास्य रस्य की कविता सुना कर लोगों को गुदगुदाते रहे। इस अवसर पर कई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर डॉ संजय संजू, एम एस हुसैन, अमर सिंह राणा, दीपक टंडेल, सुनील कुमार आदि उपस्थित थे।
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आलेख - अमीर हमजा


 

  





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