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Saturday, 13 April 2019

सियासी दौर रौशन है / सुनील कुमार की ग़ज़ल

चुनावी ग़ज़ल


सियासी दौर रौशन है समाँ दिलकश बयानों का
ज़बानी झूठ फलता है गज़ब मौसम चुनावों का

प्रलोभन दे रहा कोई हजारों में बहत्तर के
किसी का जाल पंद्रह लाख के ऐसे फरेबों का

सुख़न की आरज़ू एहसास की बेचैनियाँ चाहें
सो अब हम दर्द लिख्खें मुफ़लिसों के सर्द चूल्हों का

कहो पामाल होगी कब तलक जम्हूरियत अपनी
निहारे रास्ता भी तीरगी कब तक उजालों का

गरीबों की गरीबी कौन समझा जायज़ा तो लो
यूँ जो एसी में बैठा शख़्स है मुखिया डकैतों का

अभी है जाँच जारी और जारी भी रहेगी ये
कोई मुश्किल नहीं मसला मिले हल तो सवालों का

चुनावों पर चुनावी कितने वादे खाते-दर-खाते
मग़र ठहरा हुआ सा प्रश्न है आख़िर निवालों का.
...


शायर - सुनील कुमार 
शायर का मोबाइल नं- 21011964@gmail.com
प्रतिक्रिया भेजने हेतु ईमेल आईडी- editorbejodindia@yahoo.com




10 comments:

  1. वाह वाह वाह बेहतरीन

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    1. शायर सचमुच प्रशंसा के पात्र हैं।

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  2. Very nice gazal. Wah wah Kya baat hai.

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    1. धन्यवाद। blogge.com पर log8n कर नाम डालने से यहां दिखता है।

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  3. Replies
    1. धन्यवाद शायर जी और से।

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  4. वाह बहुत खूब

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    1. धन्यवाद शायर की ओर से।

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