Sunday, 30 September 2018

खगडिया में अंगिका समाज द्वारा अंगिका कवि सम्मेलन 30.9.2018 को सम्पन्न



देश के सांस्कृतिक नवनिर्माण में लोकभाषाओं की भूमिका को कभी कम नहीं आँका जा सकता. एक आदमी अपने लोगों से अपनी लोकभाषा में ही संवाद करता है. लोकभाषा में प्रयुक्त अनेक शब्द प्राय:एक विशेष परिवेश से स्वत:उत्पन्न शब्द होते हैं जो उस भौगोलिक सांस्कृतिक क्षेत्र की अनुभूतियों के सच्चे संवाहक होते हैं.

खगड़िया:में 30 सितम्बर 2018 को अंगिका समाज खगड़िया के द्वारा जननायक कर्पूरी ठाकुर इण्टर स्कूल खगड़िया के सभागार में सकलदेव सिंह की अध्यक्षता और राहुल शिवाय ,सम्पादक,कविता कोश के मंचसंचालन में अंगिका कविसम्मेलन का आयोजन हुआ।मुख्य अतिथि के रूप में आचार्य परमानन्द अवधूत,दिल्ली क्षेत्र और विशिष्ट अतिथि के रूप में अनिरुद्ध सिन्हा ,मुंगेर, घनश्याम, पटना,मंजुला उपाध्याय, पूर्णियाँ, रणजीत दूद्धू, नालन्दा, विनोद कुमार हँसौड़ा, दरभंगा,सच्चिदानंद पाठक,डा0 शैलेन्द्र सिंह त्यागी और रंजना सिंह बेगूसराय मंचस्थ थे।

अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच खगड़िया के महासचिव कैलाश झा किंकर की सरस्वती वन्दना-"विद्या के' देवी बजाबै छै वीणा सुनो'-सुनो " से कार्यक्रम की शुरूआत हुई।

अपनी-अपनी कविता सुनाकर कविसम्मेलन को सफल करने वालों में सूर्य कुमार पासवान, अशोक कुमार चौधरी,अवधेश्वर प्रसाद सिंह,सुखनन्दन पासवान, संगीता चौरसिया, मंजुला उपाध्याय, चम्पा राय,रंजना सिंह,विनोद कुमार हँसौड़ा, सच्चिदानंद पाठक,डा0 शैलेन्द्र सिंह त्यागी,घनश्याम,विद्यासागर ब्रह्मचारी,प्रभु नारारण सिंह,नागेश्वर चौरसिया, प्रभात कुमार प्रताप,शिव प्रसाद साह,,कैलाश झा किंकर,राहुल शिवाय आदि प्रमुख थे।

सभी शब्द-साधकों को पुष्पमाल, अंगवस्त्रादि से सम्मानित भी किया गया। विश्वजीत कुमार, महासचिव, केन्द्रीय अंगिका समाज ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आगत अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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सूचना स्रोत- कैलाश झा किंकर
छायाचित्र- अंगिका समाज, खगड़िया
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल- editorbiharidhamaka@yahoo.com









Tuesday, 25 September 2018

N.N.Lal Das -a veteran social activist from Bihar passed away in Mumbai


Nirbhay Narayan Lal Das

An erudite and a firm believer of Gandhian philosophy, Nirbhay Narayan Lal Das was devoted and fought for the rights of the common man in Maharashtra and Bihar. Born in a poor family in Darbhanga (Bihar), he was always independent in thoughts since childhood and completed his graduation with full scholarship from Govt of Bihar.
He was an active member of Charitable & Social  Organization–SWAJAN, founding member of Karn Goshthi in Mumbai and also an active member of many other social and Social Associations like AIKVICPWA. He has been working relentlessly making a difference in the lives of the underprivileged and needy. His charitable and social contribution have helped the poor in bringing about improvement in their education, health and employment across India including Maharashtra and Bihar   Driven by the burning desire to help the downtrodden, Das’ contribution to the society has been immense and his constructive criticism, unfathomable interests and endurance were unmatched. An everlasting void has been created after his passing away on 22nd September 2018 in Mumbai. It is a great loss to the society.
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Source- Kumud K. Das 
E-mail- kumud.das@gmail.com
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Saturday, 22 September 2018

मिथिला चित्रकला (मधुबनी पेंटिंग़) की गुणी कलाकार बिमला दत्त


श्रीमती बिमला दत्त का अपनी कला यात्रा पर आत्मकथ्य

शादी के बाद मेरी कला कर्तव्यों के सामने सोई रही.  उन दिनों मेरी ससुराल जैसे सम्भ्रांत, कुलीन परिवार में पर्दा प्रथा बहुत ज्यादा थी.  कुछ सालों के बाद जब बच्चे कुछ बड़े हो गए तो मेरे अंदर का कलाकार बाहर आने को छटपटाने लगा. मेरी लगन और प्रतिभा को देखते हुए मेरे पति स्व. श्री प्रताप नारायण दत्त ने मुझे इन लोकचित्रों को कागज पर उकेरने के लिए प्रोत्साहित किया.

मेरी कला यात्रा राँटी (ग्राम) से होते हुए देश के विभिन्न प्रदेशों से गुजरते हुए नेपाल एवं जापान तक जा पहुँची. जापान के मिथिला म्यूजियम में दो बार 18.9.89 से  25.12.89  तक और 01.4.96 से 30.9.96 तक रही. अपने जापान प्रवास के दौरान मेरा अनुभव यह रहा कि जितना सम्मान एवं पारिश्रमिक ये विदेशी अपने कलाकारों  को देते हैं उसका आधा भी हम कलाकारों को मिलता तो हम भी रोजी रोटी की समस्या से ऊपर उठ अपनी कला को नित नया आयाम दे पाते.
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सामग्री साभार - चंदना दत्त, ग्राम- राँटी (मधुबनी)
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Monday, 17 September 2018

आयाम द्वारा हिंदी पखवाड़ा के अवसर पर परिचर्चा 16.9.2018 को पटना में सम्पन्न




पटना, हिन्दी-दिवस पखवाड़ा 16-09-2018.  आइआइबीएम के सभागार में आयाम - साहित्य का स्त्री स्वर संस्था ने अपना हिंदी दिवस मनाया। पहले सत्र में लघुकथा पाठ और दूसरे में हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। सबसे पहले पद्मश्री उषाकिरण खान ने हिंदी दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला फिर लघुकथा पाठ प्रारम्भ हुआ। पथ करने वाली आयाम की सदस्याओं के नाम हैं - नीलिमा सिंह, शहनाज़ फातमी, पूनम आनंद, विभा रानी श्रीवास्तव, इति माधवी, भावना शेखर, ऊषा ओझा, नताशा और रानी सुमिता। 

पद्मश्री उषाकिरण खान ने हिंदी भाषा पर परिचर्चा की शुरुआत की, जिस पर बाद में अतिथि साहित्यकारों डॉ शिवनारायण, डॉ शिवकुमार मिश्र, श्री रामशेखर सिंह, , श्री रूपेश कुमार सिंह, अभिलाष दत्ता ने भी अपने विचार रखे। दिवस ने अपना अपना लघुकथा पाठ किया। श्री शिवदयाल जी ने लघुकथा के स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए सुनी हुई लघुकथाओं की समीक्षा की।

कार्यक्रम का संचालन रानी सुमीता ने किया। वीणा अमृत, पूनम सिंह, आशा कुमारी, रानी श्रीवास्तव आदि ने भी इस समारोह में भाग लिया।
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आलेख- विभा रानी श्रीवास्तव
9162420798
आयाम की सदस्या
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल- editorbiharidhamaka@yahoo.com


  







Friday, 14 September 2018

सुल्तानगंज में अजगैवीनाथ साहित्य मंच द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी सह कवि गोष्ठी सम्पन्न




हिंदी दिवस के अवसर पर अजगैवीनाथ साहित्य मंच, सुल्तानगंज के बैनर तले अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के प्रदेश कार्यालय, अंगलोक सुल्तानगंज (भागलपुर) में विचार गोष्ठी सह कवि गोष्ठी का आयोजन कविवर हीरा प्रसाद हरेंद्र जी की अध्यक्षता में हुआ। जिसका संयोजन एवं सञ्चालन मच के अध्यक्ष कविवर भावानंद प्रशांत ने किया। गोष्ठी में इस बात पर विस्तार से विमर्श हुआ की "जिज्ञासा संसार" का"अंगिका विशेषांक " पत्रिका जो सौ से अधिक पेज की होगी, शीघ्र ही पूर्णरूपेण मल्टी कलर में प्रकाशित हो रही है। इस ऐतिहासिक पत्रिका का लोकार्पण हेतु अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के द्वारा नवम्बर 18 में राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम राजधानी पटना के किसी सभागार में आयोजित हो। इसकी सफलता के लिए  विधायक सुबोध राय, "जिज्ञासा संसार" के संपादक पप्पू यति, प्रधान संपादक सह " नई धारा " के संपादक डॉ. शिवनारायण आदि से विमर्श करने की योजना बनी। साथ ही आयोजन समिति, संचालन समिति, स्वागत समिति आदि की रूप रेखा पर भी चर्चा हुई।

कार्यक्रम के दूसरे पड़ाव में हिंदी दिवस पर आधारित कविता पाठ का दौर चला, जिसमें कविवर हीरा प्रसाद हरेंद्र, मुख्य अतिथि डॉ. श्यामसुन्दर आर्य, डॉ. बबुआ नंदन सिंह, रामस्वरूप यादव " मस्ताना", सुधीर कुमार प्रोग्रामर, मंच के अध्यक्ष भावानंद प्रशांत, सचिव मनीष कुमार गूँज, कुणाल कुमार, मो. सलमान के अलावे अन्य कवि शामिल हुए।


कार्यक्रम के अन्त में हिंदी और अंगिका के गगनचुम्बी स्वर्गारोही साहित्यकार प्रो. (डॉ.) छेदी साह की आत्मा की शांति के दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजलि अर्पण और धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
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समाचार स्रोत- सुधीर कुमार प्रोग्रामर 
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आइडी- editorbiharidhamaka@yahoo.com



   
  






मानवोदय के द्वारा 9.9.2018 को पटना सीटी में कवि-गोष्ठी सम्पन्न


दिनांक 9.9.2018 को पटना सिटी की साहित्यिक संस्था, " मानवोदय" की ओर से सत्य ज्योति पुस्तकालय में एक बैठक और काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया. बैठक में मानवोदय के आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया गया. तदोपरान्त उपस्थित कवियों में श्री प्रभात कुमार धवनरामकिशोर सिंह विरागीशंकर शरण आर्य,गौरी शंकर राजहंसदारा सिंह तथा घनश्याम ने अपनी-अपनी रचनाओं का पाठ किया.  कार्यक्रम की अध्यक्षता इस नाचीज़ ने की और संचालन भूषण खत्री ने किया. संस्था के महासचिव श्री प्रभात कुमार धवन ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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आलेख- घनश्याम
छायाचित्र- मानवोदय
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल- editorbiaridhamaka@yahoo.com











Sunday, 9 September 2018

शम्भू पी. सिंह की कहानी दलित बाभन पर गोष्ठी सम्पन्न

कहानी के पाठ और गोष्ठी का विवरण दूसरे चित्र में पढ़िए.






'नई धारा' का 2018. का उदयराज सिंह सम्मान प्रो. मैनेजर पाण्डेय को

वर्ष 1950 से लगातार प्रकाशित हो रही राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित हिंदी साहित्यिक पत्रिका 'नई धारा' ने वर्ष 2018 के अपने पुरस्कारों की घोषणा कर दी है. उदयराज सिंह सम्मान के तौर पर एक लाख रुपयों के साथ सम्मान पत्र तथा स्मृति चिन्ह दिये जायेंगे जिसके हकदार इस बार होंगे प्रो. मैंनेजर पाण्डेय. इसके अलावे तीन अन्य साहित्यकारों को नई धारा सम्मान के तौर पर पच्चीस हजार रुपये, सम्मान पत्र और प्रतीक चिन्ह प्रत्येक को दिये जाएंगे. ये साहित्यकार हैं-  मंगलमूर्ति, सुभाष राय तथा तथा विजय चोरपारे. विस्तृत विवरण दूसरे चित्र में पढ़िए.








अहमद जमाल की आनेवाली शॉर्ट फिल्म Humanity Exists'

प्राप्त जानकारी के अनुसार नाटक 'तीसवीं शताब्दी' के निर्देशक अहमद जमाल ने शॉर्ट फिल्म 'Humanity Exists' बनाई है जो साढ़े छ: मिनट की है.और जल्द ही यूट्यूब पर रिलीज होगी. फिल्म में एक बच्चे की कहानी है जो डॉक्टर बनना चाहता है लेकिन पैसों के अभाव में उसे बाधा आती है. ऊपर से पिता की मृत्यु से उसका भविष्य बिखरने लगता है..ऐसे विकट समय में उसे एक व्यक्ति सहारा देता है बिना उससे उसका जाति या धर्म पूछे हुए सिर्फ और सिर्फ इंसानियत की वजह से. फिल्म में आगे क्या होता है यह तो देखने के बाद ही कहा जा सकता है. 


आगे की जानकारी के लिए सम्पर्क करें- 

mail.jamal0267@gmail.com.
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