अंत की गुहार
कवयित्री - नेहा नारायाण सिंह
जब खिलती हँसी कराहती है
जब कोई कली कुचली जाती है
तब नारी-धर्म युद्ध के लिए पुकारता है
जब बेशर्म जमाना राजनीति करता है
रोको न खुद को, रूको न तुम
द्वापरयुग नहीं जो कृष्ण आयेंगे
अग्नि सी तू बहुत जल चुकी
इस आग में अब सबको जलाना है
तब लड़ाई लाज की थी
आज लड़ाई भी लाज की है
तब द्रोपदी खून से नहाई थी
जब पांडव करूक्षेत्र में थे
समय चक्र की वेदी चढ़ चुका है
अब चंडी बन कर काल को समझाना है
कोई नहीं इस भारत देश में
आधे जन मुर्दा बन बैठे हैं
इतने पात्र जीते हैं हम
एक पात्र अब और जीना है
हाय-हाय कर बहुत देख लिया
अब काली बन मुर्दो से श्रृंगार करना है
नजर उठे जो बुरी उन आँखों को नोच लेना है
छूती उन भुजाओं को उखाड़ फेंकना है
शूल देना है उस तन को जो तुझ पर भारी पड़े
आधे जन है हम
शैतानों की बर्बादी का मंजर ला सकते है
कब तक बर्बाद होते देखते रहे
खुद को अपनों के दर्पण में देख रोते रहे
अति अंत की गुहार लगा रहा है
आंदोलन एक अब हम करते हैं
क्रान्तिवीर बन अब युद्ध लड़ते है
चण्डी काली का रूप अब हम धरते हैं
......
वो रात कैसी थी ?
कवयित्री - नेहा नारायाण सिंह
कवयित्री - नेहा नारायाण सिंह
वो रात कैसी थी ? वो रात कैसी थी ?
जब रात के नौ बजे थे, सड़क सूनी पड़ी थी
दूर से, अनजाने शोर की खामोशी
बड़ी तेजी से, उसकी तरफ़ बढ़ी आ रही थी
जब रात के नौ बजे थे, सड़क सूनी पड़ी थी
उसकी कहानी ने इनसानियत को शर्मिंदा कर दिया
हर दिल को रुला दिया बेतहाशा इस सर्दी में
सड़क पर जाने के लिए हमे मजबूर कर दिया
कहा - अब और नहीं
आँखो पर पड़ी पट्टी को हटाओ
कानो के पर्दे खोल जाओ
जाओ मेरी चीखें तुम्हें सोने नहीं देंगी
मेरी कहानी तुम्हें चुप होने नहीं देगीं
मेरी मैयत पर अब दीये मत जलाओ
जाओ जाओ मुझे इन्साफ़ दिलाओ
वो रात जैसी भी थी वो रात फिर ना आए
फिर कोइ निर्भया भय की कहानी न लिख जाए
वो रात कैसी थी? वो रात कैसी थी?
मेरे दर्द पर आसमाँ रो गया
मेरी आह से धरती फट गई
हिन्द पर लगी कालिख की रात थी वो
क़यामत की रात थी वो
मेरे दर्द की रात थी वो
तेरे शर्म की रात थी वो
वो रात एेसी थी, वो रात एेसी थी.
..........
कवयित्री- नेहा नारायण सिंह
ईमेल- nehasrlnmi2017@gmail.com
कवि परिचय- नेहा नारायण सिंह एक युवा किन्तु अत्यंत सक्रिय कवयित्री हैं और लेख्य मंजुषा सहित अनेक साहित्यिक संस्थाओं से जुड़ी हैं. इन्होंने एल.एन.मिश्रा इंस्टीच्यूट, पटना से एम.सी.ए. की पढ़ाई पूरी की है और एक निजी कम्पनी में कार्यरत हैं.
waah gajab
ReplyDeleteThanks.
DeleteThis comment has been removed by the author.
Deleteअसीम शुभकामनाएं
ReplyDeleteसदा कामयाब रहो
पोस्ट पसंद करने के लिए आभार.
Deleteसादर आभार 🙏🙏
DeleteYour poetry is so powerful, you put into words exactly what any girl struggle to convey now a days.” Appreciating.. stay blessed
ReplyDeleteThanks for comment. The poet must have seen this.
DeleteThanks for your appreciation..
DeleteCongrats to both, u and the blogger.
ReplyDeleteSincere thanks on the part of the blog team.
Delete