बिहार की मधुबनी जिले के ग्राम-काको में जन्मी और विवाह के बाद ग्राम-रांटी में रहनेवाली श्रीमती विमला दत्त किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। 77वर्षीया श्रीमती दत्त को कला विरासत में मिली। वह शादी से पहले से मिथिला पेंटिंग करती थीं। शादी भी उस परिवार में हुई जहां इस कला के पुजारी ही बसते थे। यहां पद्मश्री महासुन्दरी देवी और गोदावरी दत्त जैसी कला विदुषियों के सानिध्य को पा इनकी कला ने और ऊंचाइयों को प्राप्त किया। विगत वर्षों में इन्हें देश विदेश में जाकर लोगों को मिथिला पेंटिंग को और अधिक लोकप्रियता प्रदान करने की दिशा में बहुमूल्य कार्य किया है।
जापान मिथिला म्युजियम के क्युरेटर श्रीमान टोकियो हासेगावा जी तो इनकी कला के अनन्य प्रशंसक रहे हैं।2 अक्टुबर 2017 को इन्हें अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट अवार्ड दिया गया। अभी इन्हें "कला-प्रेरणा (10 दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प कला उत्सव) में अतिथि कलाकार के रूप में आमंत्रित किया गया है।
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आलेख - कंचन कंठ
छायाचित्र सौजन्य - चंदना दत्त
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com
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आलेख - कंचन कंठ
छायाचित्र सौजन्य - चंदना दत्त
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com
सत-सत नमन
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