कविता
(मुख्य पेज पर जाइये- bejodindia.blogspot.com / हर 12 घंटों पर जरूर देखें- FB+ Today Bejod India)
(मुख्य पेज पर जाइये- bejodindia.blogspot.com / हर 12 घंटों पर जरूर देखें- FB+ Today Bejod India)
रात्रि के चौथे पहर
किसी मंदिर से आती
घंटों की ध्वनि के साथ
मंत्रोचार
साथ ही किसी मस्जिद से
अजान की आवाज
गूंजते रहते हैं थोडी देर
मेरे कानों में
मैं दोनों ध्वनियों के मध्य
कर लेता हूँ स्थापित
अपने आप को
भर लेता हूँ भरपूर ऊर्जा
अपने प्राणों में
और निकल पड़ता हूँ
सुबह की यात्रा पर
रास्ते में मिलता है गुलाब
जिसकी महक करती है मुझ पर
आनंद की बरसात
मेरे साथ चलती हैं हवाएं
जो कराती हैं
ताजगी का एहसास
सूर्य की किरणें
बनाती हैं मुझे उर्जावान
पर आश्चर्य
उनमें नहीं है भेद
छोटे- बड़े का
नहीं है
अपने होने का अहंकार
जबकि आदमी का अभिमान
उसका कोरा ज्ञान
बाँट रहा है
गीता और कुरान
मैं होकर बेचैन
पूछता हूँ अक्सर चाँद से--
ऐ चाँद
कभी ईद पे तेरा दीदार
कभी कड़वा चौथ पे
तेरा इंतज़ार
अब तू ही बता
तेरा मजहब क्या है ?
.....
कवि- वेद प्रकाश तिवारी
कवि का ईमेल - vedprakasht13@gmail.com
कवि का ईमेल - vedprakasht13@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@gmail.com
Lajwab hai shahab
ReplyDelete