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यहाँ सिर्फ एक बात मैं बताना चाहूँगा कि मेधावी छात्र होने के बावजूद गलत विषयों के चुनाव के कारण इनका परीक्षाफल इंटर में बहुत खराब रहा और इन्हें काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी. तभी इन्होने ठान ली कि स्नातक में कुछ कर के दिखाना है. स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों में विश्वविद्यालय में द्वितीय रहे. प्रथम स्थान नहीं पाने का कारण हमारे राज्य में क्या होता रहा है ये आप सभी अच्छी तरह जानते हैं. उस विवाद को मैं यहाँ नहीं उठाना चाहता हूँ.
ये चाहते तो यूपीएससी या बीपीएससी की तैयारी करके शीर्ष अधिकारी बन सकते थे किन्तु पारिवारिक हालात ऐसे थे कि तुरंत नौकरी पकडनी पड़ी अभी बिधान परिषद् में प्रोजेक्ट ऑफिसर के पद पर पदस्थापित हैं . लेकिन बिहार के सभी सुधी लोग इन्हें महान इतिहासकार और संस्कृतिविज्ञ के रूप में जानते हैं.
बिहार से जन्मी भारत की दो अमूल्य ऐतिहासिक निधि - चंपारण आन्दोलन और कैथी लिपि को देश में उचित स्थान दिलाने का सफल प्रयास करनेवाले बिहारी संस्कृति के महान संरक्षक भैरब लाल दास को बिहारी धमाका की ओर से हार्दिक नमन.
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आलेख - हेमन्त दास 'हिम'
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - hemantdas_2001@yahoo.com
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