बत्तीसगाम प्रथा का होगा सरलीकरण

विवाह हेतु पात्रता हेतु वंशावली एवं पंजी प्रथा के मानकों में अनेक सामाजिक सुधारों के संंकल्प के साथ सामाजिक संस्था केकेएम का अखिल भारतीय द्विदिवसीय सम्मेलन एक्जहिबिशन रोड, पटना के विंडसर होटल में में 21 और 22 जुलाई, 2018 को सम्पन्न हुआ. दिल्ली, बंगलोर, चेन्नै समेत सम्पूर्ण बिहार और भारत के विभिन्न क्षेत्रों एवं नेपाल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. मुख्य संयोजक थे बी.के.कर्ण.
ध्यातव्य है कि इस समुदाय के बड़े तबके में दहेज नहीं लेने की पुरानी परम्परा रही है लेकिन विवाह की मंजूरी के समय माता-पिता के पुरखों को मिलाकर कुल बत्तीस गाँवों का हिसाब देना पड़ता है जो पंजी में लिखे होते है. अधिवेशन में विवाह तय करने के मापदंडों में पंजी प्रथा के सरलीकरण की बात की गई. पीएमजी अर्थात पंजी, मूल और गोत्र तीनों पर विचार करने की प्रकिया को सरलीकृत किया जाएगा. जिन परिवारों के पास आठ पुस्तों तक पैत्रिक और मात्रिक विवरण आसानी से उपलब्ध नहीं है उन्हें जितनी ही जानकारी उपलब्ध हो देना चाहिए और वंशावली की सम्पूर्ण जानकारियाँ जो फिलहाल कागजों पर लिखी हुई और पंजीकारों के संरक्षण में है उनका डिजिटीकरण किया जाना चाहिए और वह भी अविलम्ब.. इस सम्बंध में बंगलूरू से आये विजय कुमार ने अपनी कारगर योजना का एक पावरप्वाइंट प्रदर्शन किया जिसकी काफी सराहना हुई. उनकी इस सलाह की काफी सराहना हुई कि विभिन्न शहरों में जमीन या फ्लैट लेकर उसे समुदायिक हित के लिए साझा किया जाय. उनके पहले मिथिला संस्कृति के विशेष जानकार और इतिहासविद` भैरब लाल दास ने भी कम्पूटर पर प्रदर्शन किया जिसमें पंजी प्रथा की उत्पत्ति और विवाह सम्बन्धी अर्हताओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. कैथी लिपि और मिथिलाक्षर को लुप्त होने से बचाने और उनका पुनरुत्थान करने हेतु भैरब लाल दास की काफी सराहना हुई.
केकेएम के बिहार प्रदेश के प्रभारी राजेश कंठ ने आये हुए सदस्यों का स्वागत किया. समुदाय को गौरव प्रदान करने हेतु शेफालिका वर्मा (साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त), भावना कंठ (भारत की प्रथम लड़ाकू पायलट), हिमानी दत्त (मिथिला की प्रथम पेशेवर पायलट), प्रिया मल्लिक (ओम शान्ति ओम की गायिका) को समुदाय का गौरव बढ़ाने हेतु तारीफ की गई.
अवकाशप्राप्त बैंक अधिकारी चंद्रमोहन दास को कोषाध्यक्ष का प्रभार दिया गया जिसमें उनका साथ सविता दास देंगी. अन्य विद्वानों ने सामाजिक कठिनाइयों को दूर कर सामुदायिक उत्थान के विभिन्न मुद्दों पर बारीकी से विचार किया. कमजोर वर्ग को आर्थिक सहायता की भी चर्चा हुई और निर्णय लिए गए.
समुदाय में दहेज प्रथा का चलन को नगण्य रखने की भी बात हुई. साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त शेफालिका वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थीं.
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आलेख- हेमन्त दास 'हिम'
छायाचित्र- विजय कुमार
आलेख- हेमन्त दास 'हिम'
छायाचित्र- विजय कुमार
नोट- यह रिपोर्ट अधूरी है. इसे पूरा करने हेतु जानकारियाँ ईमेल के द्वारा भेजें- hemantdas_2001@yahoo.com























Antarjatiy vivah wala point galat hai. Aisa KKM patron BK Karna aur dusre KKM members ka kahna hai
ReplyDeleteजी धन्यवाद. एक प्रतिनिधि के द्वारा दी गई सूचना पर वह लिखा गया था. परंतु कार्यकारिणी के बी.के.कर्ण से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह मुद्दा उठा था लेकिन इस पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी. अत: उस अंश में सुधार किया जा रहा है.
ReplyDeleteअनाधिकार विवाह न हो इस पर सबों ने अपनी हामी भड़ी है |
ReplyDeleteअंतर्जातीय विवाह पर ये कहा गया कि आज के दौर में किसी लड़का व् लड़की को इस बात पर अपनी इक्षायें प्रकट करने और स्वयं इस बाबत फैसला करने कि आजादी होनी चाहिए | हाँ, उन्हें कुछ ऐसा करने के लिए परिवार व् समाज की बात जो को जानने के उपरान्त अपनी इस फैसला पर अपना कदम बढ़ानी चाहिए | इसमे कुछ बातें और भी सामने आयी कि बीरे मूल के दो अलग-२ डेरा के बीच और कर्ण कायस्थ और अन्य कायस्थ के बीच भी विवाह मुमकिन हो |
अंतर्जातीय विवाह होने पर दी जाने वाली सम्मान पत्र पर उपनाम कौन सी राखी जाए ये बातें भी उन जोड़ी पर ही छोर देनी चाहिए |
ये सभी बातें विभिन्न वक्ताओं द्वारा राखी गयी अपनी बात से संग्रहित है जिस में अभी कोई प्रस्ताव पारित नही हुई है | जबकि पंजी को बचाने व् पंजी में सभी कायस्थों को लाने के लिए पंजी डिजिटलाइजेसन की जरूरत है | हाँ, अनाधिकार विवाह न हो इस पर प्रस्तुत प्रस्ताव सर्वसहमति से पारित हुई है |
विशेष जानकारी हेतु मुझसे संपर्क करें : 9810076548
सादर |
विजय कुमार (विजय बाबू)
डिजिटलाइजेशन व् आईटी हेड, KKM