एक ही समूह के दो सदस्यों को अलग अलग महत्वपूर्ण साहित्यिक सम्मान
इसी सप्ताह में 'जनशब्द' के दो वरिष्ठ कवि- सदस्य को पुरस्कार एवं सम्मान से विभूषित किया गया । कवि राजकिशोर राजन को भारतीय रेल द्वारा "मैथिली शरण गुप्त पुरस्कार - 2018" तथा कवि शहंशाह आलम को हिन्दी सेवी संस्थान उ प्र द्वारा "सव्यसाची सम्मान - 2017" से । दोनों के लिये विशेष आयोजन क्रमश: दिल्ली तथा प्रयागराज (इलाहाबाद) मे सम्पन्न हुए । यह जानकारी गंभीर साहित्यकर्म हेतु प्रतिबद्ध और पूरे बिहार में प्रसिद्ध समूह 'जनशब्द' के अध्यक्ष प्रभात सरसिज द्वारा प्राप्त हुई।
ध्यातव्य है कि शहंशाह आलम के सात कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं और उनकी एक कृति पर विश्वविद्यालय में शोधकार्य भी हो चूका है. उनका नवीनतम संग्रह "थिरक रहा देह का पानी" इन दिनों अधिक चर्चित है. राजकिशोर राजन की "कुशीनारा से लौटते हुए" पुस्तक (काव्य संग्रह) भी काफी सराही गई है.
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-बेजोड़ इंडिया ब्यूरो
ध्यातव्य है कि शहंशाह आलम के सात कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं और उनकी एक कृति पर विश्वविद्यालय में शोधकार्य भी हो चूका है. उनका नवीनतम संग्रह "थिरक रहा देह का पानी" इन दिनों अधिक चर्चित है. राजकिशोर राजन की "कुशीनारा से लौटते हुए" पुस्तक (काव्य संग्रह) भी काफी सराही गई है.
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-बेजोड़ इंडिया ब्यूरो
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